02 अप्रैल 2010

"हमनशीं"











रंग तेरा,मेरीआँखों में झलक आता है
दर्द मेरा,तेरी पलकों से छलक जाता है

कभी  मैं अक्स तेरा हूँ, कभी तू आइना  मेरा
तेरे चेहरे में बस प्यार नज़र आता है

नहीं खबर है क्या सच और क्या  है भरम
बस इक यकीन है जन्मों का अपना नाता है

ज़माने से बहुत शिकवे नहीं नाराजगी तुझसे,
तेरा साया भी मुझे  दोस्त नज़र आता है

रकीब लगता है  बस एक हवा का वो झोंका
जो अपने हाथ से जुल्फें तेरी उड़ाता है

रंग मेरा,तेरी आँखों में झलक आता है
दर्द तेरा,मेरी पलकों से छलक जाता है

- योगेश शर्मा

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