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16 जून 2012

'कब से'





हाथ मेरा
तेरी जानिब
बढ़ा है 
कब से, 
हो के नग़मा
तू धड़कन में 
जड़ा है 
कब से 

राख़ यादों की
क्यों तूने  
कुरेदी 
न कभी,
बन के चिंगारी
दीवाना
पड़ा है 
कब से 

कब से ..............


- योगेश शर्मा 







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