"बे - तकल्लुफ़"
""गलतियों की तल्खियां.... तल्खियों पे चुस्कियां""
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27 अगस्त 2025
"जिसे खोजता था''
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जिसे खोजता था बड़ी मुद्दतों से कभी ढूंढता था जिसे बस्तियों में सेहरा, समंदर, वादियों में अनजानी पहचानी हस्तियों में वो कहीं छिपा था मेरी...
15 जून 2025
'सौ झूठ गढ़े'
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सौ झूठ गढ़े जीने के लिए फिर सच उनको ही मान लिया हर लम्हा कुछ मारा ख़ुद को और उसको जीना मान लिया ख़्वाहिश ख़्वाब तमन्ना ज़िद कुछ पता नहीं क्या प...
'भीड़ में जीते रहे'
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भीड़ में जीते रहे और अकेले मर गए न ग़लत थे न सही बस सफर तय कर गए ज़िन्दगी भी शोर-ओ-ग़ुल का कैसा अजब बाज़ार है हर कोई चिल्ला रहा बस शोर का व्याप...
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25 मई 2025
"माफ़ कर दो"
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चलो इस तरह सब हिसाब साफ़ कर दो मैं तुमको माफ़ कर दूँ तुम मुझ को माफ़ कर दो मन से मिटा दीं मैंने नादानियाँ तुम्हारी गलतियां मेरी भी तुम दिल से स...
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11 दिसंबर 2023
'ज़िन्दगी हमेशा'
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कितने नए करिश्में हर पल दिखा रही है ज़िन्दगी हमेशा चलना सिखा रही है कब जीत को मनाना कब हार में चुप रहना कब रुक के साँस लेना कब तोड़ हदें ...
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20 सितंबर 2023
'नश्तर'
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दर्द - ए - दिल में कमी न रहने दो दिल में नश्तर गड़ा ही रहने दो लम्हें बेरंग थे अब थोड़ा रंग आया है ये लहू बह रहा है बहने दो बनके रह जाएगा चिड़ि...
10 जून 2023
'मेरी कहानी बाकी है'
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कुछ मोड़ बचे हैं किस्सों में कोई बात पुरानी बाकी है दुनिया के फ़सानों में अब भी कहीं मेरी कहानी बाकी है कुछ ख्वाब बचे हैं आँखों में कुछ क़र्ज़ द...
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09 जुलाई 2022
'अजनबी से हम'
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दिल में ख़लिश छुपाए चेहरे में थोड़े ग़म हैं साथ में तो लेटे पर अजनबी से हम तक़रार में हुए हैं जज़्बात बयां जबसे माथे पे सिलवटें हैं खामोश जुबा...
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10 जून 2022
'जलना ज़रूरी है'
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हवा से ज़्यादा अपने से लड़ना ज़रूरी है मैं आख़री चिराग़ हूँ जलना ज़रूरी है बुझाने मुझको कबसे हवाएं चल रही हैं रौशनी में लेकिन उम्मीदें पल रही हैं ...
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06 जून 2022
'कुछ भी गलत नहीं'
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कुछ भी गलत नहीं कुछ भी सही नहीं बातें वही हैं सच जो हमने कही नहीं लम्हों की हर हक़ीक़त पलों की कहानियां शोर करते किस्से चुप सी निशानियां कुछ...
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