11 अक्तूबर 2011

'सन्नाटों की आवाजें'



आवाजों के सन्नाटे बूझना तो आसाँ है बहुत
सन्नाटों की आवाजें सुनना थोड़ा मुश्किल है


खामोशी के शोर से रिश्ते काफी गहरे होते हैं
दिल में चीखें उठती हैं लब पर पहरे होते हैं
कुछ बातें सहनी आसाँ हैं लेकिन कहना मुश्किल है
सन्नाटों की आवाजें सुनना थोड़ा मुश्किल है


दीवारों पर कान सटाए दीवाने कुछ बैठे हैं 
राज़ जानने की ख्वाहिश में अनजाने कुछ बैठे हैं
कुछ झूठ पकड़ने आसाँ है सच्चाई समझना मुश्किल है
सन्नाटों की आवाजें सुनना थोड़ा मुश्किल है

मर्ज़ अगर अपना न हो तो दवा हमें दिख जाती है
कितनी आसानी से हर मुश्किल हल हो जाती है
राह बतानी आसाँ है राह पे चलना मुश्किल है



सन्नाटों की आवाजें सुनना थोड़ा मुश्किल है






- योगेश शर्मा

1 टिप्पणी:

  1. दीवारों पर कान सटाए
    दीवाने बैठे रहते हैं
    राज़ जानने की ख्वाहिश में
    अनजाने बैठे रहते हैं
    कुछ झूठ पकड़ने आसाँ है
    सच्चाई समझना मुश्किल है

    खामोशी के शोर से रिश्ते
    काफी गहरे होते हैं
    दिल में चीखें उठती हैं
    लब पर पहरे होते हैं
    कुछ बातें सहनी आसाँ हैं
    लेकिन कहना मुश्किल है
    सन्नाटों की आवाजें
    सुनना थोड़ा मुश्किल है

    "और गूंजती सन्नाटे में
    घुटी घुटी कुछ आवाजें
    बनते वो आवाज किसी की
    और किसी की बन चीखें
    दिल पर देते जख्म किसी को
    ऐसे सहना मुश्किल है....
    दो चेहरे वाले शख्स हैं कुछ
    पहचानना जिनका मुश्किल है...!!"

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