"कुछ गलतियों पे तल्ख़ियाँ कुछ तल्ख़ियों पे चुस्कियाँ"
aapki is kavita par wah-waahi barbas baras jata hai....bahut sundar panktiya
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बहुत खूब लिखा है योगेश जी ! कुछ दिन पहले मेरी एक कोशिश थी हिंदी में लिखने की , कृपया जरूर पढ़े आपके खाली समय में ...http://bdhyani.blogspot.com/2011/09/blog-post.html
अच्छी लगी यह रचना ..तकदीर के बादल अच्छा बिम्ब
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अच्छी लगी यह रचना ..तकदीर के बादल अच्छा बिम्ब
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