"कुछ गलतियों पे तल्ख़ियाँ कुछ तल्ख़ियों पे चुस्कियाँ"
thanks for sharing..!
bahut baDhiyaa!!
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
बहुत खूब ... लाजवाब रचना है ...
सब ख़त्म हो के भी कुछ तो बाक़ी है ....क्यूंकि इसी उम्मीद पर दुनिया क़ायम है।
तेरे फ़नकार में जुड़ने का हुनर बाकी है बहुत सुंदर....
Kya kahne hain...waah...
बेहद खुबसूरत.....
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thanks for sharing..!
जवाब देंहटाएंbahut baDhiyaa!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... लाजवाब रचना है ...
जवाब देंहटाएंसब ख़त्म हो के भी कुछ तो बाक़ी है ....क्यूंकि इसी उम्मीद पर दुनिया क़ायम है।
जवाब देंहटाएंतेरे फ़नकार में
जवाब देंहटाएंजुड़ने का हुनर बाकी है
बहुत सुंदर....
Kya kahne hain...waah...
जवाब देंहटाएंबेहद खुबसूरत.....
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