चलो इस तरह सब हिसाब साफ़ कर दो
मैं तुमको माफ़ कर दूँ तुम मुझ को माफ़ कर दो
मन से मिटा दीं मैंने नादानियाँ तुम्हारी
गलतियां मेरी भी तुम दिल से साफ़ कर दो
माज़ी* के आईने में धुँधला गयी हैं यादें
ख़ुशनुमाना किस्सों से फिर उनको साफ़ कर दो
बचाते हुए इसे तो कई बार जल चुके हैं
अब ज़िद के इस दिए को हवा के खिलाफ कर दो
चलो इस तरह सब हिसाब साफ़ कर दो
मैं तुमको माफ़ कर दूँ तुम मुझ को माफ़ कर दो.....
माज़ी* - गुज़रा वक़्त, पास्ट
- योगेश शर्मा
बहुत सुंदर
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