रात के हाथों से चंदा को
लेकर फिर गोदी में भर
सूरज के उजले कपड़े का
साया उसके तन पर डाला
नन्हे हाथों में पकड़ा दी
तारों की प्यारी सी माला
चाँद थका था चलते चलते
थोड़ी देर में ही सो गया
छिपकर उजियारे आँचल में
नज़रों से वो दूर हो गया
में ये सब देख रहा था
कुछ सोता कुछ जाग रहा सा
एक पार्क की हरी घास पर
कुछ चलता कुछ भाग रहा सा
मेरे नंगे पैरों के तलवों से
लिपटी थीं कुछ ओस की बूँदें
जो ठंडा से सा कम्पन देकर
हंसती थी आँखों को मूंदें
कभी ठिठुरता और कभी मैं
हौले हौले मुस्काता था
उस मीठी सी सिहरन को
किसी से बांटना चाहता था
इधर उधर जब नज़र घुमाई
दिखा था कोई पेड़ के नीचे
घुटनों को जो पेट से जोड़े
लेटा था मुठ्ठी को भींचे
चाँद वो था इक, मेरी ज़मीं का
शायद मुझको ताक रहा था
अंगो पर जिसके कुछ मैला
कपड़े जैसा झाँक रहा था
सोचता होगा वो कब सुबह
धुप में उसको नहलायेगी
ठन्डे भूखे जिस्म को अपने
आँचल से ही बहलायेगी
कब थामेगा हाथों में वो
दोस्त के जैसा एक कटोरा
तारों जैसे सिक्कों से जो
जल्दी भर जाएगा थोड़ा
खाके तरस मैंने एक तारा
उसकी झोली में डाल दिया फिर
दिल का बोझ और शर्म का ठेका
इस दुनिया पर डाल दिया
और उसका दुःख पल भर में
सोचों से काफ़ूर हुआ
सोचों से काफ़ूर हुआ
मेरी नज़रों से ये चंदा
उस चाँद की तरह दूर हुआ ।
योगेश शर्मा
अनुपम भाव संयोजन लिए हुए बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण अभिव्यक्ति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंdil ko chhooti hui...
जवाब देंहटाएंbhaavpoorn...!!
कल 01/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, कैसे कह दूं उसी शख़्स से नफ़रत है मुझे !
जवाब देंहटाएंकब थामेगा हाथों में वो
जवाब देंहटाएंदोस्त के जैसा एक कटोरा
तारों जैसे सिक्कों से जो
जल्दी भर जाएगा थोड़ा
बहुत मार्मिक रचना है आपकी...भाव और शब्द बेजोड़ हैं...बधाई स्वीकारें
नीरज
ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी.
जवाब देंहटाएंबहुत मर्मस्पर्शी काव्यचित्र!
जवाब देंहटाएंसादर
यथार्थ का आईना,मार्मिक रचना।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन..............
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना..
utkrishtha bhav
जवाब देंहटाएंbehtarin rachana...
बहुत अच्छी रचना...
जवाब देंहटाएंBahut hi sundar chitran bhaavo ka..
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna :)
palchhin-aditya.blogspot.in
प्रभावशाली प्रस्तुती....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
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