न जाने क्यों मेरा दिल करे
हो जाये यूं मेरा दिल करे
तेरे गेसुओं में शब् मेरी
ढल जाए यूं मेरा दिल करे
न जाने क्यों मेरा दिल करे
कभी ये भी हो उग कर कभी
अपने उजाले सूरज सभी
ढूंढा करे इधर उधर
जो छुप गयी जाने किधर
वो धूप फिर तेरे चेहरे पर
मिल जाए यूँ मेरा दिल करे
न जाने क्यों मेरा दिल करे
तूफ़ान दरिया के सह गया
*साहिल ख़ामोशी में बह गया
हम तेरे भंवर में उतर गए
तो डूब कर भी तर गए
दिल में मेरे तू एक दफ़ा
कभी डूब यूं मेरा दिल करे
न जाने क्यों मेरा दिल करे
तेरे सफर में जो थे कभी
न जाने क्यों मेरा दिल करे
तेरे सफर में जो थे कभी
वो रास्ते देखे सभी
कोई मोड़ तुमसे जो जुड़ गया
हर बार पहले ही मुड़ गया
एक बार ला के बस छोड़ दे
तेरे दर पे यूं मेरा दिल करे
न जाने क्यों मेरा दिल करे
न जाने क्यों मेरा दिल करे...
*साहिल - किनारा
- योगेश शर्मा
bahut sunder rachna hai
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