मैं तुम पे क्या लिखूँ
मैं तुमसे क्या कहूँ
क्या ये लिखूं कि लगा था
तुम्हें देख के पहली बार
कि जीवन अब तक जिया ही नहीं
रौशनी पायी, देखे मौसम, महसूस की थी हवा
पर रूह तक ऐसा असर हुआ ही नहीं
जो छुआ तुमको तो लगा उस पल
जी उठे हों ये भी मेरे संग
और छुआ तुमने तो लगा ऐसे
मैं था अनछुआ ,अधूरा सा
जिए जा रहा था बेसबब जैसे
तुमने देखा तो वो एहसास जगे
मैं था अनजान अब तलक जिनसे
दिल में सीधी उतर गयी थी नज़र
और देख बैठी वो सब कुछ
जिससे मैं खुद भी था बेख़बर
यूं तो गुज़रीं थी कई चेहरों से नज़र मेरी
और देखी थी कुछ आँखों में
एक झलक अपनी
जब तेरी आँखों के ज़ीने से पहुंचा दिल तक
उसकी गहराई में सिवा अपने कुछ पाया नहीं
मैं तुमसे क्या कहूँ ,मैं तुम पे क्या लिखूँ
कैसे लिखूं
कि वो एहसास हो तुम जिसे सुकून कहते हैं
वो ख़्वाहिश हो जिसे जूनून कहते हैं
वो असर हो जिसे होश कहते हैं
वो खुमार हो जिसको नशा कहते हैं
वो बयाँ हो जो कहता है
कि तुम तन्हा थे अब तक
कि मुझसे मिलना था
और जियोगे इस लिए कि मेरे साथ जीना है
क्योंकि वही तो होगी ज़िंदगी
बाकी तो बस पल थे, जो गुज़र गए
कुछ हादसे थे, जो बिखर गए
रास्ते के कंकरों की तरह
पैर में चुभने के लिए
यादों में हलचल सी मचाने के लिए
क्या कहूं कि तुम वो सब हो
जो अब तक नहीं था
वो हर हसीं एहसास हो
जिसके बारे में बस सुना था
पर समझा नहीं था
वो धड़कन हो तुम
जो दिल को चलने की वजह दे
और कहे मैं हूँ तेरे साथ हरदम
और ग़र मैं न रही जो
वजूद फिर तेरा भी न होगा हमदम
मैं तुमपे क्या लिखूं........ मैं तुमसे क्या कहूं।
- योगेश शर्मा
भावप्रवण रचना ..... २०१० की भी कुछ रचनाएँ पढ़ीं फिर से .... लाजवाब सृजन ..
जवाब देंहटाएंसंगीता जी ,बहुत अरसे बाद आपकी टिप्पणी मिली, धन्यवाद्। मैंने कई सालों से ज़्यादा कुछ लिखा नहीं पर अब नियमित रहने की कोशिश है। जान कर अच्छा लगा की आपने पुराने पोस्ट पर ध्यान दिया। ऐसे ही प्रोत्साहित करती रहें। आभार
हटाएंआपकी लिखी रचना सोमवार. 20 दिसंबर 2021 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
आभार संगीता जी।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत रूमानी अहसास!!!
जवाब देंहटाएंसादर
हटाएंधन्यवाद।
वाह! शृंगार ओढ़े सरस सृजन गहन एहसास लिए ।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति।
सादर
हटाएंधन्यवाद।
सचमुच बेहद खूबसूरत रचना,निसृत भाव अत्यंत सूंदर हैं।
जवाब देंहटाएंसादर।
सादर
हटाएंधन्यवाद।
वाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण एवं रुमानी एहसासों से लवरेज
लाजवाब सृजन।
सादर
हटाएंधन्यवाद।
सर्वस्व समर्पित अनुरागी मन की प्रेमिल अनुभूतियों को संजोती सुंदर श्रृंगार रचना योगेश जी | हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई |
जवाब देंहटाएंसादर
हटाएंधन्यवाद।